गुणवत्ता नीति और उद्देश्य

गुणवत्ता नीति
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) सड़क एवं सड़क परिवहन के क्षेत्र में व्यावसायिक उत्कृष्टता का विकास करने तथा व्यवसाय के समक्ष उपस्थित विविध तकनीकी समस्याओं का उपयुक्त समाधान प्रस्तुत करने के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों तथा परामर्श सेवाओं एवं मानव संसाधन कार्यक्रमों को संपन्न करने के लिए कटिबद्ध है ।

गुणवत्ता उदे्श्य
संस्थान के संगत क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास कार्य संपन्न करना तथा विशिष्ट राष्ट्रीय आवश्यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए विश्वव्यापी रीतियों के अनुरूप अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम संचालित करना संस्थान का दायित्व है । संस्था संबंधित क्षेत्रों में वैश्विक विकास में से सर्वश्रेष्ठ को निरंतर ग्रहण करेगा तथा राष्‍ट्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप ढालकर इन विकास कार्यों को अंगीकार करेगा । संस्थान ने वास्तविक व्यवहार में, प्रत्यक्षत एवं अप्रत्यक्षत:, अनुसंधान एवं विकास निष्कषों का अनुप्रयोग; प्रकाशित लेखों, पर्यवेक्षित शोध प्रबंध तथा शोध निबंधों की दृष्‍टि से अनुसंधान एवं विकास परिणाम ; विकसित तथा दर्ज पेटेंट एवं प्रक्रम; विकसित, स्थानांतरित एवं वाणिज्यीकृत प्रौद्योगिकी; अभिकल्पित, संयोजित एवं वाणिज्यीकृत अनुसंधान एवं विकास उपस्कर ; मानक, मैनुअल, विनिर्देश, दिशानिर्देश एवं राष्ट्रीय स्तर के अन्य दस्तावेज/ रिपोर्ट के विकास की दृष्टि से योगदान इत्यादि के लिए गुणवत्ता व प्रबंधन एवं निष्पादन हेतु एक निर्धारित क्रियाविधि का विकास किया है । संस्थान सस्ते एवं टिकाऊ महामार्ग, सेतु, हवाई अड्डा एवं परिवहन अवसंरचना के निर्माण के साथ-साथ पूर्ण परियोजनाओं, हस्तगत परियोजनाओं व चालू परियोजनाओं; परियोजनाओं के समापन पर तैयार एवं प्रायोजकों को सौंपी गई तकनीकी रिपोर्ट; अर्जित बाह्य नगदी प्रवाह तथा सीएसई प्रतिपुष्टि के आधार पर उपभोक्ता संतुष्टि मूल्यांकन (सीएसई) इत्यादि के द्वारा इनके अनुरक्षण प्रबंधन की आवश्यकताओं को पूरा करके उपभोक्ताओं को परामर्श, परीक्षण एवं अंशांकन की संतोषजनक सेवाएं प्रदान करता है । मानव संसाधन विकास के माध्यम से व्यावसायिक उत्कृष्टता, संस्थान मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों और सम्मिलित एवं आयोजित संगोष्ठी, सम्मेलनों ; व्यवसायिक निकायों की सदस्यों तथा विशेष योगदान एवं संस्थान एवं व्यक्तियों को प्राप्त सम्मान, पारितोषिक एवं पुरस्करों के द्वारा टीम निर्माण हेतु एवं अपने कार्मिकों द्वारा उनके कार्यकलाप के क्षेत्रों में व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने तथा उनकी शैक्षणिक योग्यता एवं दक्षता में सुधार लाने हेतु कार्मिकों को प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयास करता रहता है ।