योजना, मॉनीटरन एवं मूल्‍यांकन

अनुसंधान और विकास प्रबंधन इस प्रभाग का मुख्य क्रियाकलाप है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का योजना-निर्माण, मॉनिटरन और मूल्यांकन, बाह्य वित्त पोषित परियोजनाएं, बौद्धिक संपदा से जुड़े मुद्दे एवं व्यावसायिक विकास, तकनीकी पूछताछ और तकनीकी/कार्य निष्पादन लेखा परीक्षाओं की ओर ध्यान देना, निदेशक को परामर्श देना तथा परियोजना संबंधी मामलों के बारे में प्रबंध परिषद (एमसी) और अनुसंधान परिषद (आरसी) को सहायता देना शामिल है । प्रभाग की प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:

योजना क्रियाकलाप

  • परियोजना योजना (मिशन मोड/त्वरित गतियुक्त ट्रांसलेशनल/विषय आधारित अनुसंधान/अन्‍य आरएंडडी परियोजनाएँ)      योजना, मॉनीटरन और मूल्‍यांकन (पीएमई) प्रभाग, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ विभिन्न आर्थिक सहायता एजेंसियों से अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए वैज्ञानिकों से बातचीत करता है ।
  • वैज्ञानिक सम्मेलन : वैज्ञानिक सम्मेलन/गहन विचार मंथन सत्र आयोजित करना जिसमें प्रत्येक प्रभाग ने भारत सरकार की नीतियों, सीएसआईआर-सीआरआरआई के दृष्टिकोण तथा साधारण जनता तक पहुंच के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम तैयार किए ।
     
  • थीम निदेशालय गतिविधियाँ : सीआरआरआई के लिए व्यवसाय योजना और रोड मैप तैयार करना तथा मिशन मोड परियोजनाओं की योजना और निगरानी, एफ़टीटी/एफ़टीसी/एफबीसी परियोजनाएं बनाना । संस्थान के अगले 3-5 वर्षों के लिए प्रोजेक्टिंग/टेक्नोलॉजी का पूर्वानुमान करना । निदेशक सम्मेलन और थीम निर्देशकों की बैठकों के लिए सूचना संकलित की गई । संस्थान की पैरामीट्रिक उपलब्धियों पर जानकारी दी गई ।
     
  • विभिन्‍न परियोजना प्रोफार्मा का प्रबंधन
    पीएमई प्रभाग समय-समय पर उत्‍पन्‍न होने वाली आवश्‍यकताओं के अनुसार परियोजना संबंधी विभिन्‍न क्रियाकलापों के संबंध में आईएसओ की अपेक्षाओं के अनुरूप सीएसआईआर दिशनिर्देशों के अनुसार प्रोफार्मा तैयार करता है, उनका रख-रखाव व प्रबंधन करता है और उनमें संशोधन करता है।
     
  • परियोजना डाटाबेस का विकास और नियमित अनुरक्षण
    पीएमई प्रभाग के द्वारा एक परियोजना डेटाबेस विकसित किया गया है जिसमें नई परियोजनाओं को और उनके कार्यान्वयन के दौरान तथा समापन के दौरान उनमें किए जाने वाले परिवर्तनों को शामिल करते हुए उसे नियमित रूप से अद्यतन बनाता है । डाटाबेस में परियोजना का नाम, वर्गीकरण और तकनीकी तथा वित्तीय ब्यौरा शामिल होता है, जिसमें परियोजनाओं की तकनीकी और वित्तीय प्रगति का पता लगाने में सहायता मिलती है । पीएमई सभी परियोजनाओं के लिए नकदी अत: प्रवाह को भी संभालता है । परियोजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन के लिए डेटाबेस अत्यधिक उपयोगी है I
     
  • सीआरआरआई बजट 
    संस्थान की आरएंडडी उपकरणों की मांग, अन्‍य गतिविधियों तथा विभिन्‍न आरएंडडी परियोजनाओं के वित्‍तीय प्रस्‍ताव के आधार पर व्‍यय के विभिन्‍न शीर्ष के अंतर्गत वित्तीय आवश्यकताएँ तैयार की जाती है ।
     
  • परियोजना प्रस्‍तावों की संवीक्षा और पंजीयन 
    पीएमई प्रभाग में परियोजना संख्या और पंजीयन के रूप में सभी बाह्य निधि पोषित परियोजनाओं की संवीक्षा और पंजीयन तथा आतंरिक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की संवीक्षा की जाती है ।

मॉनीटरन क्रियाकलाप

  • समय-समय पर प्रदर्शन और विभिन्न परियोजनाओं की प्रदर्शन रिपोर्ट तैयार करके इनकी वर्तमान स्थिति और निष्‍पादन की रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें संस्थान द्वारा हस्‍तगत परियोजनाओं, विकसित/लाइसेंस प्राप्‍त प्रौद्योगिकियों आदि विभिन्न मापदंडों पर संस्‍थान के प्रदर्शन की जानकारी होती है । ये रिपोर्ट सीएसआईआर को उनके अवलोकन के लिए भेजी जाती है। ये रिपोर्ट संस्थान को निगरानी उपकरण के रूप में अपने स्वयं के प्रदर्शन की समीक्षा करने में भी मदद करती हैं।
  • सीएसआईआर-डाटा इंफोग्रफिक्‍स सिस्‍टम (सी-डीआईएस): सीएसआईआर के अगली पीढ़ी के ज्ञान संश्लेषण प्रणाली तथा डेटा/सूचना प्राप्‍ति‍ के लिए डेटा संग्रह और प्रबंधन, सूचना की उपलब्धता, उत्कृष्टता आदि को आसान बनाता है । पीएमई ने समय-समय पर पोर्टल पर विभिन्न इनपुट्स/सूचनाओं का संकलन/अपलोड किया है ।

परियोजना मॉनीटरन

  • बाह्य निधिपोषित परियोजनाएं: प्रभागीय/परियोजना समीक्षा बैठकों के जरिए बाह्य निधि पोषित परियोजनाओं का, विशेष रूप से उनके द्वारा समय अनुसूची का पालन करने, देय राशि, प्रलेखन, समापन, आदि के बारे में नियमित मॉनीटर किया जाता है ।
  • आंतरिक परियोजनाएं : निदेशक की अध्‍यक्षता में परियोजना अभिचिहृन एवं मॉनीटरन समिति आंतरिक परियोजनाओं की प्रगति का मॉनीटरन करती है । निदेशक के अनुमोदन से नई परियोजनाएं शुरू की जाती हैं ।
  • बाह्य नकदी प्रवाह (ईसीएफ) : संस्थान विभिन्न बाह्य एजेंसियों जैसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ), भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (एनआरआरडीए), पीडब्लूडी, उद्योग पीसीआरए, पीसीयू, कंसल्टेंट्स आदि के द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं पर कार्य करता है । बाह्य नकदी प्रवाह का ब्यौरा, अर्थात इन एजेंसियों से विशिष्ट कार्य को कार्यान्वित करने के लिए प्राप्त हुए धन का ब्यौरा नियमित रुप से अभिलेखबद्ध और मॉनिटरन किया गया।
     
  • व्‍यय मानीटरन 
    व्यय को मासिक आधार पर बजट आवंटनों/अपेक्षाओं की तुलना में सही रखने के लिए प्रयास किए गए ताकि संस्थान के निष्पादन/प्रचालन को अधिक प्रभावी बनाया जा सके ।

मूल्‍यांकन क्रियाकलाप

  • अनुसंधान परिषद (आरसी)/प्रबंधन परिषद (एमसी) को परियोजनाओं की जानकारी
    अनुसंधान परिषद (आरसी) सीएसआईआर-सीआरआरआई की सर्वोच्च सलाहकार/मॉनीटरन निकाय है जिसके द्वारा प्रमुख अनुसंधान एवं विकास क्रियाकलापों का मॉनीटरन एवं मूल्‍यांकन किया जाता है । साथ ही यह संस्थान के भविष्य के अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों के लिए निर्देश/मार्गदर्शन भी देता है । पीएमई, एजेंडे के लिए विभिन्न जानकारियां/आंकड़े उपलब्ध कराता है, निदेशक की प्रस्तुति के लिए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट, कृत कार्रवाई रिपोर्ट के लिए जानकारी एवं अन्य बैठक के आयोजन से संबंधित लौजिस्टिक्स उपलब्ध कराता है ।
    प्रबंध परिषद् द्वारा जिन परियोजनाओं का अनुसमर्थन किया जाना होता है, उनके बारे में सूचना प्रदान करने और परियोजनाओं का अद्यतन सारांश तैयार करने की जिम्‍मेदारी इस प्रभाग की है । इसके अतिरिक्त, सभी पूर्ण परियोजनाओं पर ग्राहकों का फ़ीडबैक एवं ग्राहक संतुष्‍टि‍ मूल्‍यांकन लिया गया था ।
  • सीएसआईआर से और सीआरआरआई के भीतर/अथवा बाहर से तकनीकी पूछताछ
    यह प्रभाग संस्‍थान के विभिन्‍न परियोजनाओं के बारे में तकनीकी पूछताछ को निपटाता है । यह प्रभाग संस्‍थान की योजनाएं/बजट तैयार करने, एफटीटी एवं एमएमपी (मिशन मोड परियोजनाओं) का प्रबंधन, लेखा परीक्षा, ईसीएफ पूछताछ, आरटीआई तथा मंत्रालयों हेतु अन्य तकनीकी सूचना आदि के बारे में सीएसआईआर के विभिन्‍न निदेशालय, विशेष रूप से आरपीपीबीडी, मिशन एवं डीजीटीसी के साथ मिलकर कार्य करता है । साथ ही परियोजना ग्राहकों से बकाया राशि, समय, संतुष्टिपूर्ण प्रतिपुष्टि लेने से संबंधित बातचीत भी करता है ।
     
  • संसदीय प्रश्न
    पीएमई प्रभाग तकनीकी प्रकृति के संसदीय प्रश्नों को भी निपटाता है । वर्ष भर के दौरान संस्थान के विभिन्न प्रभागों से प्राप्त जानकारियों को एकत्रित, संकलित एवं समेकित करके प्रश्नों के उत्तर तैयार किए जाते हैं ।

जीएसटी क्रियाकलाप

  • यह प्रभाग प्राप्तियों के बारे में नियमित रूप से विवरण तैयार करता है और लेखा अनुभाग द्वारा मासिक आधार पर जीएसटी यथा समय भुगतान किया जाना सुनिश्चित करता है । पीएमई ई-बिल सेवा कर की विवरणियां तैयार और दायर भी करता है । पीएमई ई-बिल भी तैयार करता है ।
     
  • परियोजना प्रबंधन डेटाबेस का विकास एवं प्रबंधन
    संस्‍थान में कम जनशक्ति के साथ परियोजनाओं के प्रभावपूर्ण प्रबंधन के लिए पीएमई प्रभाग ने वेब आधारित ‘परियोजना प्रबंधन प्रणाली’ का डिजाइन व विकास किया । इसने प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने में सहायता की है । इसके अतिरिक्त ई–पीपीएस (ई-परियोजना प्रस्‍ताव प्रणाली), व्यय निगरानी प्रणाली, जनशक्ति तैनाती मॉड्यूल, इनवॉयस जनरेशन मॉड्यूल एवं ऑनलाइन चालान प्रणाली को विकसित किया गया है और इसे एकीकृत किया गया है ।
     
  • ईआरपी प्रणाली
    प्रभाग ने सीएसआईआर के ईआरपी साइट पर सभी चालू परियोजनाओं के विवरण को अपलोड किया है तथा ईआरपी साइट के सैंट्रल वेल्‍यू रजिस्‍टर में परियोजना राशि की रसीद भी प्रविष्‍ट की है । परियोजनाओं के सदस्‍य को जोड़ना/हटाना तथा उनके परिचय पत्रों का मानचित्रण ईआरपी प्रणाली की अपेक्षाओं के अनुसार किया गया है। पीएमई स्टाफ ने सीआरआरआई में ईआरपी प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन में सक्रिय योगदान दिया है ।

व्यापार विकास

  • प्रभाग ने प्रौद्योगिकी प्रसार, अन्य संबंधित गतिविधियों और प्रौद्योगिकी अंतरण के ग्राहकों के लिए, विभिन्न परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन और करार तैयार करता है । प्रभाग विभिन्न मंचों और औद्योगिक बैठकों के लिए समय-समय पर प्रस्तुतिकरण/दस्तावेज बनाने में निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों को सुविधाएं प्रदान करता है । प्रभाग वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करता है और सीएसआईआर मुख्यालय के माध्यम से बौद्धिक संपदा हासिल करने के लिए इसे दाखिल करने की सुविधा देता है ।