देश में पहली बार बनी पूरी स्‍टील की तारकोल रोड, जानें कहां और कैसी है यह रोड?

Newspaper:  News 18
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नई दिल्‍ली. देश में स्‍टील स्‍लैग रोड (Steel Road). पत्‍थर, गिट्टी और तारकोल सब के बदले स्‍टील (Steel), यह सुनकर हर कोई चौंक सकता है, लेकिन यह सच हुआ है, देश की पहली पूरी स्‍टील स्‍लैग की रोड बनकर तैयार हो गई है, जो अधिक मजबूत है. इतना ही नहीं, इसकी लागत भी सामान्‍य रोड  के मुकाबले 30 फीसदी तक कम है. यह रोड गुजरात के सूरत में बनाई गई है. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport Minister Nitin Gadkari) भी स्‍टील स्‍लैग से सड़क निर्माण को बढ़ावा देने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्राकृतिक संशाधनों को बचाया जा सके.title]

नीति आयोग के निर्देश पर इस्‍पात मंत्रालय के सहयोग से सूरत के हजीरा में इस रोड का निर्माण हुआ है.  सीएसआईआर-सीआरआरआई और एएमएनएस ने इस रोड का निर्माण किया है. हजीरा पोर्ट की ओर जाने वाली स्‍टील स्‍लैग ( बचा हुआ चूरा) से बनी 6 लेन की यह रोड 1.2 किमी. लबी है.

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्‍टीट्यूट के प्रधान वैज्ञानिक और प्रोजेक्‍ट के प्रमुख डा. सतीश पांडेय ने बताया कि स्‍लैग को प्‍लांट में प्रोसेस्‍ड कर उसे सड़क में इस्‍तेमाल करने लायक सामग्री में तब्‍दील  किया गया है और रोड निर्माण में इस्‍तेमाल किया जा रहा है. सूरत की यह रोड देश की पहली रोड है जो पूरी तरह से स्‍टील स्‍लैग से बनी है. रोड की रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद एनएचएआई भी सड़क निर्माण स्‍टील स्‍लैग का इस्‍तेमाल करेगा. स्‍लैग रोड के निर्माण से सरकार द्वारा चलाए जा रहे वेस्‍ट टू वैल्थ और स्‍वच्‍छ भारत मिशन दोनों अभियानों को मदद  मिल सकेगी, क्‍योंकि स्‍टील स्‍लैग का बेहतर इस्‍तेमाल न होने से कई जगह स्‍लैग के पहाड़ जमा हो गए हैं जो प्रकृति के लिए भी नुकसानदेह हो रहे हैं. पर इस तरह रोड निर्माण से बेहतर इस्‍तेमाल किया जा सकेगा.

ये होंगे बड़े फायदे

. सीआरआरआई के अनुसार इस रोड की थिकनेस 30 फीसदी तक कम की गई है. थिकनेस कम होने से कीमत कम होती है. इस तरह के मैटेरियल से निर्माण कर सड़क की लागत 30 फीसदी तक कम की जा सकती है.

सड़क निर्माण में स्‍टील स्‍लैग एएमएनएस इं‍डिया हजीरा ने उपलब्‍ध कराई है. कंपनी के कैपेक्‍स प्रोक्‍योरमेंट के प्रमुख अरुणि मिश्रा बताते हैं कि देश में स्‍टील इंडस्‍ट्री से सालाना 20 मिलियन टन स्‍टील स्‍लैग निकलता है. 2030 तक देश मे 300 मिलियन टन स्‍टील उतपादन का लक्ष्‍य रखा गया है. इस तरह सालाना 45 मिलियन टन स्‍टील स्‍लैग निकलेगा, सड़क निर्माण में इस्‍तेमाल कर इसका बेहतर उपयोग किया जा सकता है. इससे कई फायदे होंगे.

. स्‍टील स्‍लैग की रोड सामान्‍य रोड  के मुकाबले अधिक मजबूत होती हैं. सूरत में इस रोड से  रोजाना 18 से 20 टन वजनी 1000 से 1200 वाहन रोज गुजर रहे हैं, पर रोड की क्‍वालिटी पर किसी तरह  का कोई फर्क नहीं पड़ा है.

इस तरह की रोड का निर्माण कर प्राकृतिक संसाधान को बचाया जा सकता है. सामान्‍य रोड  के निर्माण में पत्‍थर का इस्‍तेमाल होता है, इसके लिए खनन करना होता है. लेकिन स्‍टील स्‍लैग के इस्‍तेमाल से पत्‍थरों की जरूरत नहीं पड़ेगी.